भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

पेड़ / भावना शेखर

Kavita Kosh से
सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 00:21, 16 अगस्त 2022 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=भावना शेखर |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatKav...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

उसने लिखा "पेड़ बचाओ" कागज़ पर
और छाप दिए इश्तहार

पटी पड़ी हैं शहर की दीवारें
फ्लाईओवर के रेलिंग
और फुटपाथ
हज़ारों लाखों इश्तहारों से
पर्यावरण दिवस के पहले।

बांस लट्ठे गाड़कर
तान दिए हैं तंबू
जिसमें सम्पन्न होंगे धरने
पेड़ काटने वालों के खिलाफ

पेड़ बचाओ की मुहिम के लिए
इश्तहार चिपकाने के लिए
पेड़ काटकर
बनानी पड़ती हैं सड़कें,
फ्लाईओवर फुटपाथ

और इश्तहार की योनि में
जन्म लेने से पहले
पेड़ को छोड़ना पड़ता है
पुराना शरीर

पेड़ साधन भी
साध्य भी
पर्यावरण दिवस का