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मोक्ष / आलोक कुमार मिश्रा

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मोक्ष की सारी युक्तियाँ
अकेले की थीं
अकेले की ही थी इसकी
प्राप्ति भी

सम्बंधों के जंजाल में जीते हुए मैं
डरता रहा अकेले होने से

अकेले के मोक्ष से
हमेशा बेहतर लगा मुझे
दुखों से घिरे अपने लोगों में
जूझते रहना।