सुबह-सुबह छोटी सी लड़की
मेरे घर
दूध का भरा लोटा देने
आती है
मैं दूध को ख़ाली बर्तन में उड़ेलता हूँ
देखता हूँ धीरे-धीरे हिल रहा है दूध
मुझे मेरे ज़िन्दा होने का
पता चलता है
अब मैं सारा दिन
इस्तेमाल करता रहूँगा बर्तन
और उसके ख़ाली होने तक जीता रहूँगा ।
मूल पंजाबी भाषा से अनुवाद : रुस्तम सिंह