भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
लड़की क्या जाने / देवनीत / रुस्तम सिंह
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 23:10, 11 अक्टूबर 2022 का अवतरण
सुबह-सुबह छोटी सी लड़की
मेरे घर
दूध का भरा लोटा देने
आती है
मैं दूध को ख़ाली बर्तन में उड़ेलता हूँ
देखता हूँ धीरे-धीरे हिल रहा है दूध
मुझे मेरे ज़िन्दा होने का
पता चलता है
अब मैं सारा दिन
इस्तेमाल करता रहूँगा बर्तन
और उसके ख़ाली होने तक जीता रहूँगा ।
मूल पंजाबी भाषा से अनुवाद : रुस्तम सिंह