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नदी / नरेश गुर्जर
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मुझे जाना था दिसावर
उसे छोड़कर
वो बस रात भर रोती रही
बिना कुछ कहे
अगली सुबह सुना मैने
नदी का जलस्तर
अचानक बढ़ गया है
और डूब गया है
एकमात्र पुल भी
यह उसकी और नदी की मिलीभगत थी
दोनों जानती थी
मुझे तैरना नहीं आता।