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शताब्दियों से मैंने पढ़ी है / सांत्वना श्रीकांत

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हड़प्पा से लेकर मेसोपोटामिया
तक की लिपियाँ,
मिट्टी के ठीकरों पर उत्खनित
अवशेषों को भी
बहुत ध्यान से देखा है,
रोसेता शिलाखंड और
धोलाविरा की शिलापट्टिका का भी
उद्वाचन किया है,
समस्त उवाच शब्दों को
उच्चरित करने में प्रयासरत हूँ
पशुपति और मदरगॉडेस
के सामने सिर झुकाकर
घुटने के बल बैठी हूँ
सिंधु और दजला फरात में
जी भर कर डुबकी लगाकर
उपासना की है
यह समस्त प्रक्रिया मैंने
तुम्हारी खोज में की है।