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उनका दावा मुफ़लिसी का मोर्चा सर हो गया / अदम गोंडवी

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उनका दावा, मुफ़लिसी का मोर्चा सर हो गया
पर हक़ीक़त ये है मौसम और बदतर हो गया

बंद कल को क्या किया मुखिया के खेतों में बेगार
अगले दिन ही एक होरी और बेघर हो गया

जब हुई नीलाम कोठे पर किसी की आबरू
फिर अहिल्या का सरापा जिस्म पत्थर हो गया

रंग- रोग़न से पुता, पहलू में लेकिन दिल नहीं
आज का इंसान भी काग़ज़ का पैकर हो गया

माफ़ करिए, सच कहूँ तो आज हिंदुस्तान में
कोख ही ज़रख़ेज़ है अहसास बंजर हो गया