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अमर रहे गणतन्त्र हमारा / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’

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जन -जन की आँखों का तारा
अमर रहे गणतन्त्र हमारा।
हम सबका अभियान एक हो
सभी का संविधान एक हो ।
छिपे देश में अनगिन विषधर
रोज पलटते हमको डँसकर।
हम इनका अब उपचार करें
सब मिलकरके संहार करें ।
बैठ गए यदि इनसे डरकर
हो जाएगा भारत जर्जर
छद्म वेष धरकर हैं आए
बहुत कुटिल, फिर भी मुसकाए ।
न्याय-तुला को तोड़ रहे हैं
लूट-लूट धन जोड़ रहे हैं ।
इनसे मुक्ति एक ही नारा
अमर रहे गणतन्त्र हमारा।
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