रामचरित मानस पढ़ने से / बाबा बैद्यनाथ झा
राम रूप धर त्रेता युग में, आए थे भगवान।
रामचरित मानस पढ़ने से, मिलता है सद्ज्ञान॥
दनुजों का जब दमन बढ़ा था, लोग सभी थे त्रस्त।
त्राहि-त्राहि सर्वत्र मची थी, मानवता थी पस्त।
प्रभु ने हाहाकार सुना जब, हुआ राम अवतार।
दैत्यों का वध कर डाला जब, किया जगत उद्धार।
त्राण दिलाने इस धरती को, दिया राम ने ध्यान।
रामचरित मानस पढ़ने से, मिलता है सद्ज्ञान॥
राम जन्म पुनि शिक्षा दीक्षा, कैसे हुआ विवाह।
फिर पाकर वनवास सहा था, कैसे दुःख अथाह।
सीता हरण सहित रावण वध, सबका मिले वृतान्त।
रामराज्य के साथ हुई थी, इसकी कथा सुखान्त।
रच इतिहास प्रजा पालन का, रघुवर बने महान।
रामचरित मानस पढ़ने से, मिलता है सद्ज्ञान॥
अर्थ धर्म सह काम मोक्ष के, वर्णित विविध उपाय।
देख भक्त का पूर्ण समर्पण, होते राम सहाय।
वेद पुराण शास्त्र निगमों का, भरा हुआ है सार।
इसके पथ पर चलने वाले, करते भव को पार।
महाकाव्य यह श्रेष्ठ कराता, हमें सुधा का पान।
रामचरित मानस पढ़ने से, मिलता है सद्ज्ञान॥