भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

मैं उन्हीं के साथ जाना चाहता हूँ, जिनसे मैं प्यार करता हूँ / बैर्तोल्त ब्रेष्त / तनुज

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:43, 14 मई 2023 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार= बैर्तोल्त ब्रेष्त |अनुवादक=तनुज...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मैं उन्हीं के साथ जाना चाहता हूँ
जिनसे मैं प्यार करता हूँ

मुझे नहीं फ़र्क़ पड़ता
इसके लिए मुझे चाहे
कितनी भी क़ीमत चुकानी पड़े

मैं इस बारे में बहुत अधिक
नहीं सोचना चाहता कि यह मेरे लिए
कितना मुफ़ीद रहेगा

मुझे यह भी नहीं जानना कि
वह मुझसे कितना प्यार करता है

मैं सिर्फ़ उन्हीं के साथ जाना चाहता हूँ
जिनसे मैं प्यार करता हूँ

अँग्रेज़ी से अनुवाद : तनुज