अब हमें ही कृष्ण बनना होगा / दीपा मिश्रा
अब हमें ही कृष्ण बनना होगा
चक्र सुदर्शन धारण करना होगा
की हमने चित्कार सखा
पर तुम ना आये
रौंदी अस्मत काटा कुचला
हम बेबस अहसाय
अब हमें ही कृष्ण बनना होगा
चक्र सुदर्शन धारण करना होगा
लुटती मिटती है नारी
संग मरते हैं अरमान कई
माँ बेटी बहन बहू को अब
खुद ही स्वयं को बचाना होगा
अब हमें ही कृष्ण बनना होगा
चक्र सुदर्शन धारण करना होगा
कितने दिन कमजोर रहे हम
तेरे आने की बाट तके हम
कुत्सित सोच घृणित विचार को
अब हमें समूल हटाना होगा
अब हमें ही कृष्ण बनना होगा
चक्र सुदर्शन धारण करना होगा
जब हमसब मिलकर जागेंगे
अपनी शक्ति को पहचानेंगे
तभी अधर्म का नाश होगा
हर स्त्री का सम्मान होगा
अब हमें ही कृष्ण बनना होगा
चक्र सुदर्शन धारण करना होगा
एक नव युग का आह्वान करें
सब मिलकर ये संकल्प करें
सत्य के पथ पर चलते हुए
हर बुराई से मिलकर लड़ें
अब हमें ही कृष्ण बनना होगा
चक्र सुदर्शन धारण करना होगा