लड़कियों को मत पीटो / प्रभात
लड़कियों को घरों के भीतर मत घसीटो
नई संसद के बाहर भी नहीं
लड़कियों को मत पीटो
मध्ययुगीन दुर्बल हाथों से
ताक़तवर आधुनिक हाथों से भी नहीं
आँतें सूखी हों और वस्त्र जर्जर
तब भी उन्हें मत पीटो
पेट भरा हो व्यंजनों से
वर्दी पर हो स्टार
बग़ल में हो हथियार
तब भी उन्हें मत पीटो
लड़कियों को अकेले में
कैमरे से छुपकर मत पीटो
स्क्रीन पर सारी दुनिया को
दिखाते हुए मत पीटो
अपने भीतर के मृत शासक के
आदेश से मत पीटो
देश के शासक के आदेश से भी मत पीटो
वे बैठी हुई हैं उन्हें मत पीटो
वे खाना खा रही हैं उन्हें मत पीटो
वे अपनी बात कह रही हैं उन्हें मत पीटो
वे सपने देख रही हैं उन्हें मत पीटो
हज़ारों सालों का इतिहास गवाह है
उन्होंने अपनी लड़ाई को जारी रखा है
वे कुछ जीतने के लिए नहीं लड़ रही हैं
इसीलिए कभी हारी नहीं हैं
वे अपने लिए ही नहीं लड़ रही हैं
तुम्हारे ख़िलाफ़
तुम्हारी लड़कियों के लिए भी लड़ रही हैं
वे तुम्हारे लिए भी लड़ रही हैं