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प्रेम है शायद / जया आनंद

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प्रेम है शायद!
तुम्हारे आने की प्रतीक्षा
तुम्हारे न आने की उदासी
तुम्हारे मिलन का गीत
तुम्हारे विछोह का संगीत

प्रेम है शायद!
तुम्हारा अपनापन
तुम्हारी खुशी
तुम्हारी सफलताएँ
और मेरी मुस्कान
 
प्रेम है शायद!
तुम्हारे साथ कुछ पल बिताना
मन का जमुना हो जाना
तुम्हारा कृष्ण हो जाना
और मेरा राधा हो जाना