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खोज खबर / रघुवीर सहाय

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अनजाने व्यक्ति ने जान पर खेल कर

लोगों के सामने चेहरा दिखला दिया

जिसने आवाज दी हत्यारा वह है- जाने न पाये वह

उसे अब छिपा दिया गया है

वह अपनी एकाकी गरिमा में प्रकट हुआ एक मिनट के लिए

प्रकट हुआ और फिर हम सबसे अलग कर दिया गया

अपराध संगठित, राजनीति संगठित, दमनतंत्र संगठित

केवल अपराध के विरूद्ध जो कि बोला था अकेला है

उसने कहा है कि हमसे संपर्क करे, गुप्त रहे

हमें उसे पुरस्कार देना है और पुरस्कार को गुप्त नहीं रखेंगे।

मुझसे कहा है कि मृत्यु की खबर लिखो :

मुर्दे के घर नहीं जाओ, मरघट जाओ

लाश को भुगताने के नियम, खर्च और कुप्रबंध

खोज खबर लिख लाओ :

यह तुमने क्या लिखा- ‘झुर्रियां, उनके भीतर छिपे उनके

प्रकट होने के आसार,

-आंखों में उदासी सी एक चीज दिखती है-’

यह तुमने मरने के पहले का वृतांत क्यों लिखा ?