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प्यार की मुझको कहानी कह गया / सत्यम भारती

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प्यार की मुझको कहानी कह गया
आँसुओं की तर्जुमानी कह गया

आग जैसी जिसकी फितरत है वही
पास आकर मुझको पानी कह गया

मैं ज़मीं का था, ज़मीं पर ही रहा
कौन मुझको आसमानी कह गया

मैं पिघलकर उसमें शामिल हो गया
बातें जब मुझको पुरानी कह गया

हाल मेरे हैं गरीबों-से मगर,
वह मुझे क्यों राजा-जानी कह गयाS