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जब बुराई बरसात की तरह बरसती हो / बैर्तोल्त ब्रेष्त / असद ज़ैदी

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जैसे कोई आदमी बहुत ज़रूरी पत्र लेकर आता हो
और वहाँ पहुँचकर पाए कि लोग जा चुके हैं
दफ़्तर बन्द हो चुका है ।

जैसे कि एक आदमी नगरवासियों को
आती हुई बाढ़ की चेतावनी देता हो
किसी अजनबी भाषा में । कोई उसे समझ नहीं पाता ।

जैसे एक भिखारी पाँचवी बार
उसी दरवाज़े पर दस्तक दे, जहाँ से चार बार उसे कुछ मिल चुका है
मगर इस बार भूखा ही लौटे ।

जैसे कोई घायल, जिसके ज़ख़्म से ख़ून बह रहा है
डॉक्टर की राह देखता हो
और ज़ख़्म से ख़ून बहता रहे ।

उसी तरह हम यहाँ दर्ज कराते हैं कि हमारे साथ बहुत बुरा हुआ ।
जब पहली दफ़े सुना कि हमारे दोस्तों को क़त्ल किया जा रहा है
तो हम बहुत चीख़े चिल्लाए । फिर सैकड़ों मार डाले गए । जब हज़ारों कत्ल कर दिए गए
और क़त्लो-ग़ारतगरी थमने का नाम न लेती थी तो हर तरफ़
ख़ामोशी की चादर तन गई ।

जब बुराई बरसात की तरह बरसती हो तो कोई नहीं चीख़ता :
“यह सब रोको !”

जब एक के बाद एक अपराधों का अम्बार लग जाए तो वे दिखने बन्द हो जाते हैं । जब
यातना बर्दाश्त के बाहर हो जाए तो चीख़ें
सुनाई नहीं देतीं । चीख़ें भी गर्मियों की बारिश की तरह बेआवाज़ बरसती हैं ।

(मूल जर्मन से जॉन विलेट के अँग्रेज़ी अनुवाद पर आधारित।)

अँग्रेज़ी से अनुवाद : असद ज़ैदी