भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
बच्चा / इन्दु जैन
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 21:47, 16 नवम्बर 2008 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=इन्दु जैन |संग्रह=ये फूल नहीं / इन्दु जैन }} <Poem> औरत...)
औरत के सिर पर गठरी है
कमर पर बच्चा
मर्द हाथ में बक्सा
लटकाये है
बच्चा रो रहा है लगातार
हाथ-पाँव पटक रहा
बार-बार
औरत के समझाने
मर्द के झुँझलाने के बावजूद
वह पैर-पैर चलना
चाहता है
और
गठरी अपने सिर पर
उठाना चाहता है।