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अलविदा ज़िदंगी / शिव रावल
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तेरे कितने रंग ज़िंदगी
बदले-बदले ढंग ज़िंदगी
तेरे सिवा कोई तमन्ना न थी, न होगी
तेरी ज़रूरत हमेशा थी, रहेगी
मग़र, न जाने क्यूँ अक्सर देखे हैं
अंदाज़ तेरे मुझसे ज़ुदा ज़िंदगी
ले मैं भी कह देता हूँ आज अलविदा ज़िंदगी