भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
ध्यान में लीन / जों दैव / योजना रावत
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 06:49, 22 जनवरी 2024 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=जों दैव |अनुवादक=योजना रावत |संग्...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
चरम ध्यान के अन्त में लीन
अपने ही घेरों से मुक्त
शून्यता
शुरुआत में शुरुआत
मायावी जल
सहेजता इसे
एक अदृश्य भँवर में
ढूँढ़ता
सागर की निर्बाध सम्पूर्णता
एक गहरी कल्पना में डूबे
धरती पर बसे घर
पानी की बिखरी लकीरें
जो
रूपांतरित करतीं
ज्ञान को
सांसारिक कोलाहल में
अँग्रेज़ी से अनुवाद : योजना रावत