भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
तय / वैशाली थापा
Kavita Kosh से
सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 23:53, 3 मार्च 2024 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=वैशाली थापा |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCat...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
किया तय
अब करूंगी प्रेम कम
‘‘कम करूंगी’’ सोचा
‘‘नहीं करूंगी’’ नहीं सोचा।
कम प्रेम की कसम में प्रेम दुगना हो गया
प्रेम ना करने की कसम में क्या होता?