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आखिरी विदा / प्रिया जौहरी

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उस रोज़ जब हम वक़्त की
दहलीज पर होंगे
साँसो का सफ़र अपनी
मंजिल की ओर होगा
मैं तुमसे मिलना चाहूँगी
आखिरी विदा लेने के लिए
यकीन मानना उम्र की ढलान में भी
मुझे हर उस नज़र से रश्क होगा
जो मेरे सिवा तुम्हें देखती होंगी
मैं उस आखिरी मुलाकात को आऊँगी
जिसे न करने का वायदा मैंने किया था
मैं टूटती साँसों के साथ वह वादा भी तोड़ने आऊँगी ।