कौन किसी का अब होता है
मतलब से ही सब होता है
पहले अर्पण करना पड़ता
झोली भरना तब होता है
कुछ रिश्ते मतलब के होते
पर कुछ का मतलब होता है
लगता वह भगवान किसी को
और किसी का रब होता है
कल की चिन्ता क्यूँ हो आख़िर
चिंता से कुछ कब होता है
कौन किसी का अब होता है
मतलब से ही सब होता है
पहले अर्पण करना पड़ता
झोली भरना तब होता है
कुछ रिश्ते मतलब के होते
पर कुछ का मतलब होता है
लगता वह भगवान किसी को
और किसी का रब होता है
कल की चिन्ता क्यूँ हो आख़िर
चिंता से कुछ कब होता है