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दो झूठ थे / कात्यायनी
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दो झूठ थे
बसना चाहते थे
युवा दिलों में ।
एक मर गया ।
दूसरा घुस तो गया
एक युवा दिल में
पर उसे बूढ़ा कर गया ।
रचनाकाल : जुलाई 1997