भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
दीवारों के बारे में / कात्यायनी
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 03:19, 22 नवम्बर 2008 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=कात्यायनी |संग्रह=जादू नहीं कविता / कात्यायनी }} ...)
कभी वहाँ नहीं थीं दीवारें
जहाँ आज हैं ।
जहाँ आज हैं
कभी वहाँ नहीं होंगी दीवारें ।
दीवारें होती हैं
नहीं होने के लिए ।
रचनाकाल : नवम्बर 1992