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मैं पुकारता हूँ कि ग़ौर करो / गुन्नार एकिलोफ़
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मैं पुकारता हूँ कि ग़ौर करो
पुकारता हूँ कि आओ क़ब्र से बाहर
कभी तुमने धोया-पोंछा था मुझे
बुहारकर मेरी ही यादें मेरे बारे में
सब मेरी यादें मेरे अपने बारे में
अब एक दिन मैं बुहार दूंगा तुम्हें
तुम्हारी याद और मेरे बारे में तुम्हारी यादों से
ताकि कोई खड़ा नहीं हो हम दोनों के बीच ।