भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
रसगुल्लो / नीरज दइया
Kavita Kosh से
Neeraj Daiya (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 16:10, 3 दिसम्बर 2024 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=नीरज दइया |संग्रह=पाछो कुण आसी / न...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
जीसा कैया करता हा-
म्हनै रसगुल्लो।
अबै म्हैं कैवूं म्हारै छोरै नै-
रसगुल्लो !
रसगुल्लो कैवै-
म्हैं रसगुल्लो कोनी
आपणी भासा है- रसगुल्लै-सी !