भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
सवाल / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
Kavita Kosh से
सवाल तो कोई
कूप मंडूक भी
कर सकता है
अगर किसी सवाल का
बेसिर पैर का जवाब देना हो
तो कोई भी दे सकता
कुछ आत्माएँ
जवाब का सवाल माँग सकती हैं
क्योंकि सवाल करना उनकी बपौती है
जवाब देने से बचना
उनका अधिकार
लोकतंत्र की पीठ पर
ऐसे रहनुमा
बरसों से सवार
हम सबको धिक्कार
-0-
09- 07- 2020