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बहुत दिनों के बाद हमारे राजाजी / अशोक अंजुम

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बहुत दिनों के बाद हमारे राजाजी!
करते हमको याद हमारे राजाजी!

जो भी पूँछ हिलाता है उनके आगे
देते उसको दाद हमारे राजाजी!

हर दर पर जाकर करते हैं वोटों की
झुक-झुक कर फरियाद हमारे राजाजी!

जो लगते हैं सोनचिरैया जैसे अब
कल होंगे सैय्याद हमारे राजाजी!

हर नाबालिग़ मुर्गी के ये आशिक़ हैं
चखना चाहें स्वाद, हमारे राजाजी!

नये-नये मुद्दों को अक्सर देते हैं
तरह-तरह से खाद हमारे राजाजी!