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तुम्हारा होना-3 / जितेन्द्र श्रीवास्तव
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तुम हो तो
यह जीवन है
तुम्हारे बिना
कल्पना भी नहीं जीवन की
प्रिये!
यह प्रेम बोध नहीं क्षण भर का
यह यात्रा है जीवन की
तुम हो तो बल है चलने का
तुम हो तो मन है
पलकों पर आकाश उठाने का
तुम हो तो
मैं हूँ
तुम हो तो
यह जीवन
जीवन है।