कवि न कभी बूढ़ा होता है / गोपालप्रसाद व्यास
हाय, न बूढ़ा मुझे कहो तुम !
शब्दकोश में प्रिये, और भी
बहुत गालियाँ मिल जाएँगी
जो चाहे सो कहो, मगर तुम
मेरी उमर की डोर गहो तुम !
हाय, न बूढ़ा मुझे कहो तुम !
क्या कहती हो — दाँत झड़ रहे ?
अच्छा है, वेदान्त आएगा ।
दाँत बनानेवालों का भी
अरी, भला कुछ हो जाएगा ।
बालों पर आ रही सफ़ेदी,
टोको मत, इसको आने दो ।
मेरे सिर की इस कालिख को
शुभे, स्वयं ही मिट जाने दो ।
जब तक पूरी तरह चान्दनी
नहीं चाँद पर लहराएगी,
तब तक तन के ताजमहल पर
गोरी नहीं ललच पाएगी ।
झुकी कमर की ओर न देखो
विनय बढ़ रही है जीवन में,
तन में क्या रक्खा है, रूपसि !
झाँक सको तो झाँको मन में ।
अरी, पुराने गिरि-शृंगों से
ही बहता निर्मल सोता है,
कवि न कभी बूढ़ा होता है ।
मेरे मन में सुनो, सुनयने !
दिन भर इधर-उधर होती है,
और रात के अंधियारे में
बेहद खुदर-पुदर होती है ।
रात मुझे गोरी लगती है,
प्रात मुझे लगता है बूढ़ा,
बिखरे तारे ऐसे लगते
जैसे फैल रहा हो कूड़ा ।
सुर-गंगा चम्बल लगती है
सातों ऋषि लगते हैं डाकू
ओस नहीं, आ रहे पसीने,
पौ न फटी, मारा हो चाकू ।
मेरे मन का मुर्गा तुमको
हरदम बांग दिया करता है,
तुम जिसको बूढ़ा कहतीं, वह
क्या-क्या स्वांग किया करता है
बूढ़ा बगुला ही सागर में
ले पाता गहरा गोता है ।
कवि न कभी बूढ़ा होता है ।
भटक रहे हो कहाँ ?
वृद्ध बरगद की छाँह घनी होती है
अरी, पुराने हीरे की क़ीमत
दुगुनी-तिगुनी होती है
बात पुरानी है कि पुराने
चावल फार हुआ करते हैं ।
और पुराने पान बड़े ही
लज़्ज़तदार हुआ करते हैं ।
फ़र्म पुरानी से ‘डीलिंग’
करना सदैव चोखा होता है ।
नई कम्पनी से तो नवले
अक्सर ही धोखा होता है ।
कौन दाँव कितना गहरा है
नया खिलाड़ी कैसे जाने ?
अरी, पुराने हथकण्डों को
नया बांगरू क्या पहचाने ?
किए-कराए पर नौसिखिया
फेर दिया करता पोता है ।
कवि न कभी बूढ़ा होता है ।
वर्ष हज़ारों हुए राम के
अब तक शेव नहीं आई है !
कृष्णचन्द्र की किसी मूर्ति में
तुमने मूँछ कहीं पाई है ?
वर्ष चौहत्तर के होकर भी
नेहरू कल तक तने हुए थे ।
साठ साल के लालबहादुर
देखा, गुटका बने हुए थे ।
अपने दादा कृपलानी को
कोई बूढ़ा कह सकता है ?
बूढ़े चरणसिंह की चोटें,
कोई जोद्धा सह सकता है ?
मैं तो इन सबसे छोटा हूँ
क्यों मुझको बूढ़ा बतलातीं ?
तुम करतीं परिहास, मगर
मेरी छाती तो बैठी जाती ।
मित्रो, घटना सही नहीं है
यह क़िस्सा मैना-तोता है ।
कवि न कभी बूढ़ा होता है ।