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किसी को भूलना / येहूदा अमिख़ाई / विनोद दास
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किसी को भूलना,
पीछे अहाते की लाइट को बुझाना भूल जाना है,
फिर अगले दिन भर बत्ती जलती रहती है।
लेकिन यही रोशनी है,
जो याद दिलाती रहती है।
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अँग्रेज़ी से अनुवाद : विनोद दास