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सबसे अच्छी कविता / अदनान कफ़ील दरवेश

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किसी समकालीन त्रासदी पर
हम करेंगे घण्टों बहस
जब निराशा
ऐशट्रे में
राख की तरह
धीरे-धीरे झड़ रही होगी...

हम सुनेंगे आधी रात का कोई गीत
बग़ल में धरी ईंट पर थाप देते हुए

हम पढ़ेंगे अपने दुःख की धुँधली इबारतें
इतिहास के किसी विस्तृत सूने गलियारे में
किसी सरसराते साँप की त्वचा के भीतर
जो टपक रही होगी शहर पर
ठण्डी ओस की तरह

हम भाषा के झँखाड़ को मिलकर
बार-बार करेंगे साफ़
किसी कुशल गुलचीं की तरह

हम घण्टों उलझेंगे अपनी पंक्तियों से
उनकी मरम्मत करते एक साथ
झोंकते हुए अपनी सारी प्रतिभा
अर्जित जीवन-मर्म

अकेले-अकेले तो नहीं उगेगा
हमारी आँखों में एक-सा चमकता
अनचीन्हा वह
नीला फूल

अपने समय की सबसे अच्छी कविता तो
ऐसे ही लिखी जाएगी ।