भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
हमारी तरह / संजय चतुर्वेदी
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 01:39, 10 दिसम्बर 2008 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=संजय चतुर्वेदी |संग्रह=प्रकाशवर्ष / संजय चतुर्...)
जो बच्चों की चीज़ें हैं
उन्हें हम देखते हैं
जो हमारी चीज़ें हैं
वो हम उन्हें नहीं देखने देते
एक दिन बच्चे हमसे पूछते हैं
हम उस पर ध्यान नहीं देते
एक दिन बच्चे बड़े हो जाते हैं
हमारी तरह।