भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
दोस्ती / गुरप्रीत
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 00:50, 19 दिसम्बर 2008 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKAnooditRachna |रचनाकार=पंजाबी के कवि |संग्रह=आज की पंजाबी कविता / सम्...)
|
जब छोटे-छोटे कोमल पत्ते फूटते हैं
और खिलते हैं रंग-बिरंगे फूल
मैं याद करता हूँ जड़ें अपनी
अतल गहरी ।
जब पीले पत्ते झड़ते हैं
और फूल बीज बन
मिट्टी में दब जाते हैं
मैं याद करता हूँ जड़ें अपनी
अतल गहरी ।
मूल पंजाबी से अनुवाद : सुभाष नीरव