भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
ख़ुदा मुझको बेवफ़ा करे/ विनय प्रजापति 'नज़र'
Kavita Kosh से
विनय प्रजापति (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 07:09, 28 दिसम्बर 2008 का अवतरण (नया पृष्ठ: '''लेखन वर्ष: २००२''' <br/><br/> ख़ुदा मुझको बेवफ़ा करे<br/> उस पर इक जफ़ा करे<br/>...)
लेखन वर्ष: २००२
ख़ुदा मुझको बेवफ़ा करे
उस पर इक जफ़ा करे
बुझाये इश्क़ो-चराग़ सारे
उसे ख़ुद से ख़फ़ा करे
आये न अश्को-आँच कभी
वो आँखें यूँ नम रखा करे
ख़ुमारे-ग़म की हो बादा
ख़ूब जिसे वो पिया करे
हो हसीं ख़ाब से ख़ौफ़ज़दा
चाहे भी तो न शिफ़ा करे
मिटे न इक वो निशाँ भी
हर ज़ख़्म हरा करे