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वह क्या है / राजकुमार कुंभज

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वह क्या है?
जिसकी मुंतज़िर हैं / आँखें मेरी
और / जिसने चुरा ली है
मेरी आँखों की नींद

वह क्या है?
जिसकी पदचाप है / स्मृति में
और / जिसने रोक दी है
मेरे मन की राह

वह क्या है?
जिसकी अफ़वाह है / शहर में
और / जिसने फैला दी है
मेरे मरने की ख़बर

वह क्या है?
जिसकी चाह है / मन में
और / जिसने काट दी है
मेरे कंठ की भाषा

वह क्या है?
जिसकी प्रतिध्वनि है / भीतर मेरे
और / जिसने छुपा दी है
मेरी दुनिया की कंदील

रचनाकाल : 1990