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ईश्वर की उपस्थिति में / नवल शुक्ल

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किसी भी लड़ाई में
ईश्वर कभी नहीं मारा गया
उसके पास थे सब्से अधिक अस्त्र-शस्त्र
और ईश्वरत्व।

मैं कभी बन्दर, कभी भालू, कभी आदमी
ईश्वर की उपस्थिति में
सम्मुख उसके
हमेशा मरता रहा
उसके लिए लड़ता रहा।