भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

वो मेरे आसपास था क्यूँ था / दीप्ति मिश्र

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 08:45, 11 जनवरी 2009 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=दीप्ति मिश्र |संग्रह = है तो है / दीप्ति मिश्र }} [[Ca...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

वो मेरे आसपास था, क्यूँ था
और बेहद उदास था, क्यूँ था

प्यास थी बेपनाह और मय थी
फिर भी ख़ाली गिलास था, क्यूँ था

ख़्वाब ताबीर होके आया था
और यह दिल उदास था, क्यूँ था

शोख रंगों का था जो दीवाना
आज सादा-लिबास था, क्यूँ था

वो उड़ाता था होश लोगों के
आज ख़ुद बदहवास था, क्यूँ था

यूँ तो रिश्ता कोई न था लेकिन
मेरी ख़ातिर वो ख़ास था, क्यूँ था