भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
अयोध्या में / लीलाधर मंडलोई
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 03:41, 16 जनवरी 2009 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=लीलाधर मंडलोई |संग्रह=क्षमायाचना / लीलाधर मंडल...)
इतना पश्चाताप
इतनी ज़िद
इतनी घृणा
मिथिला के लोग
अपनी बेटी नहीं ब्याहते
अयोध्या में