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गीत / केशव

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कौन लिख गया
      नदी-दर्पण में तुझे
साँझ की परछाईयों-सा
      नदी अपनी चुप में
            तुझे कहती
                  बह गयी
कौन देकर तुझे दूरियाँ
        पगडंडियों से चला गया
किस ध्यान में यूँ मौन तू
        दिशा आँकती
                 रह गयी

पदचिन्ह-सा कौन तुझे
       प्रश्न चिन्ह कह छोड़ गया
किस आस में बहती हुई तू
       बोझ इतना
            सह गयी