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श्याम मोसूँ ऐंडो डोलै हो / मीराबाई

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कवि: मीराबाई

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श्याम मोसूँ ऐंडो डोलै हो।

औरन सूँ खेलै धमार, म्हासूँ मुखहुँ न बोले हो॥

म्हारी गलियाँ ना फिरे वाके, आँगन डोलै हो।

म्हारी अँगुली ना छुए वाकी, बहियाँ मरोरै हो॥

म्हारो अँचरा ना छुए वाको, घूँघट खोलै हो।

'मीरा' को प्रभु साँवरो, रंग रसिया डोलै हो॥