भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

ऎसा क्यों होता है?-5 / वेणु गोपाल

Kavita Kosh से
गंगाराम (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 01:29, 16 फ़रवरी 2009 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=वेणु गोपाल |संग्रह= }} <poem> ऎसा क्यों होता है- कि कवि ...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

ऎसा क्यों होता है-
कि कवि
अक्सर
ऐंसी-ड्रेस प्रतियोगिता में
भाग लेने को
लालायित रहता है

यह
जानते हुए भी
कि अगर वह जीतेगा
तो
उसकी कविता
जार-जार रोएगी