Last modified on 17 फ़रवरी 2009, at 00:09

मैंने अपने गानों को जन्म दिया / रवीन्द्रनाथ त्यागी

गंगाराम (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 00:09, 17 फ़रवरी 2009 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रवीन्द्रनाथ त्यागी |संग्रह= }} <poem> मैंने अपने गान...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

मैंने अपने गानों को जन्म दिया
एकदम चुपचाप-अकेले,
पर फिर भी एक दिन
उन सबके कण्ठ खुले,
और एक सुबह
- पंख उगे पक्षियों की तरह
वे रोके न रुके
उड़ निकले;
कुछ ने आशीर्वाद दिया
कुछ मुस्कराए;
और
मेरी आँखों से
ख़ुशी के - डर के
दो आँसू बह निकले।