बचा कर रखना / सुदर्शन वशिष्ठ
लम्बी राहें हैं अभी चलने को
इक डग
बचा कर रखना
जीवन अगर छोटा है
इक पल
बचा कर रखना
पहाड़ सा प्यार है आपके पास
बांटते रहना खुले मन से
इक दुलार
बचा कर रखना
है अगर नदी सा वेग
झरने सी ठँडाई
समुद्र सी गहराई
सिर्फ इक बूँद
बचा कर रखना
चले रहो दूर-दूर
अपने-अपने रस्ते
इक हल्की आहट
बचा कर रखना
है दुनिया में दीवारें ही दीवारें
इक छोटी खिड़की
बना कर रखना
बचा कर रखना चाहे
बहुत ही थोड़ा
कुछ न कुछ
ज़रूर बचा कर रखना
बचा कर रखना इक निगाह
इक साज़
सुनसान जंगल में इक आवाज़
घोंसला न सही
इक तिनका
बचा कर रखना
पूरा जीवन न सही
इक धड़कन
बचा कर रखना
बचा कर रखना
थोड़ा इँतज़ार
थोड़ा ऐतबार
थोड़ा खुमार
थोड़ा मलाल
थोड़ा प्यार
मन पँछी है मगर
बिठा कर रखना
प्यार थोड़ा है अगर
छिपा कर रखना
चाहे बहुत ही थोड़ा
कुछ न कुछ
ज़रूर बचा कर रखना।