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उजाले अपनी यादों के / बशीर बद्र
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उजाले अपनी यादों के
रचनाकार | बशीर बद्र |
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प्रकाशक | वाणी प्रकाशन |
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इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
- एक चेहरा साथ साथ रहा जो मिला नहीं / बशीर बद्र
- लोग टूट जाते हैं / बशीर बद्र
- जहाँ पेड़ पर चार दाने लगे / बशीर बद्र
- यूँ ही बेसबब न फिरा करो / बशीर बद्र
- कभी यूँ भी आ मिरी आँखों में / बशीर बद्र
- मोहब्बतों में दिखावे की दोस्ती न मिला / बशीर बद्र
- सर झुकओगे तो पत्थर / बशीर बद्र
- न जी भर के देखा न कुछ बात की / बशीर बद्र
- सियाहियों के बने हर्फ़ हर्फ़ धोते हैं / बशीर बद्र
- हर जन्म में उसी की चाहत थे / बशीर बद्र
- रात इक ख्वाब हमने देखा है / बशीर बद्र
- अगर तलाश करूँ कोई मिल ही जायेगा / बशीर बद्र
- कोई लश्कर है कि बढ़ते हुए गम / बशीर बद्र
- चमक रही है परों में उड़ान की खुश्बू / बशीर बद्र
- वो चांदनी का बदन ख़ुशबुओं का साया है / बशीर बद्र
- अच्छा तुम्हारे शहर का दस्तूर हो गया / बशीर बद्र
- अब किसे चाहें किसे ढूँढा करें / बशीर बद्र
- कोई चिराग नहीं है मगर उजाला है / बशीर बद्र