भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
खुले द्वार / एल्युआर
Kavita Kosh से
हेमंत जोशी (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 23:57, 2 मार्च 2009 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=पॉल एल्युआर }} <poem> '''खुले द्वार''' जीवन बहुत प्यार ...)
खुले द्वार
जीवन बहुत प्यार करने योग्य है
मेरे पास आओ
खेल ही होगा गर तुम्हारे पास आऊँ
ओ परियो गुलदस्ते की
जिसमें फूल रंग बदलते हैं।
कापिताल द ला दूलर से (मूल फ़्रांसिसी से अनुवाद : हेमन्त जोशी)