भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
सत्य की नग्नता / एल्युआर
Kavita Kosh से
हेमंत जोशी (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 19:04, 11 मार्च 2009 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=पॉल एल्युआर }} <poem> मैं उसे जानता हूँ बहुत खूब निर...)
मैं उसे जानता हूँ बहुत खूब
निराशा के पंख नहीं होते
न होता है प्यार का चेहरा कोई
न वे बात करते हैं
न मैं हिलता हूँ
न देखता हूँ उन्हें
न बातें ही करता हूँ उनसे
फिर भी
कहीं अधिक जीवित हूँ
अपने प्यार
अपनी निराशा से मैं।
मूल फ़्रांसिसी से अनुवाद : हेमन्त जोशी