भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
तेरे लिए मेरी प्रिये / ज़ाक प्रेवेर
Kavita Kosh से
हेमंत जोशी (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 23:54, 31 मार्च 2009 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=ज़ाक प्रेवेर }} <poem> मैं गया पंछी-बाज़ार और ख़रीदे...)
मैं गया पंछी-बाज़ार
और ख़रीदे पंछी मैंने
तेरे लिए
मेरी प्रिये
मैं गया फूल-बाज़ार
और ख़रीदे मैंने फूल
तेरे लिए
मेरी प्रिये
मैं गया लोहा-बाज़ार
और मैंने ख़रीदीं जंज़ीरें
भारी-भारी जंज़ीरें
तेरे लिए
मेरी प्रिये
फिर मैं गया ग़ुलामों के बाज़ार में
और तुझे खोजा
मगर तुझे पाया नहीं
मेरी प्रिये।
मूल फ़्रांसिसी से अनुवाद : हेमन्त जोशी