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सपना / राग तेलंग

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जिनका कोई सपना नहीं था
वे उम्र भर
दूसरों का सपना पूरा करने में लगे रहे

जिन्हें स्वप्न दिखाए गए
उनके पास
बित्ता भर ज़मीन भी नहीं थी
उन सपनों को टिकाने के वास्ते

स्वप्निल योजनाएँ
जिनके नाम पर बनतीं
हक़ीक़त में वे
उन्हें बरगलाने के काम आतीं

जिन आँखों को
दरकार थी पहले रोशनी की
उनसे ही
पूछा जाता
उनके हिस्से की धूप का पता

सपना इसलिए नहीं था
क्योंकि उन आँखों में
सदियों से नींद ही न थी

सपनों भरी नींद अब भी एक सपना है ।