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पूतना के प्रति / नवनीता देवसेन

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पूतना
सचमुच तुम्हारा कभी कोई दोष नहीं था।
तुम तो सिर्फ़ सामान्य-सी भाड़े की दानवी थीं।

तुम कैसे जान सकोगी
देवशिशुओं की रक्त की आकंठ प्यास?
नवजात देवता के होंठ पर का
तीखा ज़हर!

पूतना, तुम असफल हुई थीं
लेकिन इसलिए कोई क्षोभ मत रखना आत्मा में -
तुम तो सिर्फ़ तुच्छ नश्वरी दानवी थीं
और मृत्युहीन देवता के दाँतों में थे
मौत के घाट उतारने वाले
अचूक धारदार हथियार।


मूल बंगला से अनुवाद : उत्पल बैनर्जी