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तुन्द मै और ऐसे कमसिन के लिये / अमीर मीनाई
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तुन्द मै और ऐसे कमसिन के लिये
साक़िया हल्की सी ला इन के लिये
मुझ से रुख़सत हो मेरा अहद-ए-शबाब
या ख़ुदा रखना ना उस दिन के लिये
है जवानी ख़ुदा जवानी का सिन्गार
सादगी गहना है इस सिन के लिये
सब हसीं हैं ज़ाहिदों को नापसन्द
अब कोई हूर आयेगी इन के लिये
वस्ल का दिन और इतना मुख़तसर
दिन गिने जाते थे इस दिन के लिये
सारी दुनिया के हैं वो मेरे सिवा
मैंने दुनिया छोड़ दी जिन के लिये
लाश पर इबरत ये कहती है 'आमीर'
आये थे दुनिया में इस दिन के लिये